सारंगढ़ :- छत्तीसगढ़ सरकार पंचायतों को विकास के नाम पर लाखों करोड़ों रुपयों की फण्ड दे रहा हैं जिससे हर पंचायत में विकास हो सके मुलभुत सुविधा जनता तक पहुंच सके, लेकिन कुछ पंचायत ऐसे है जो शासन के धन-राशि का दुरुपयोग कर नियम को ताख में रख कर 14-15 वें वित्त जैसे योजनाओं में निजी स्वार्थ को देखते हुए अपने रिस्तेदारों के नाम जोड़कर परिवारिक लाभ देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं दरअसल पुरा मामला ग्राम पंचायत कुम्हारी का हैं जहाँ सरपंच अपने ससुर रामकेला साहू के नाम से वेंडर बता कर राशि आहरण किया और अपने पूरे परिवार को लाभ देकर गाँव को झुनझुना पकड़ा रहा है।
आप देख सकते हैं सरपंच किस प्रकार से अपने ससुर और अपने परिवार को लाभ पहुँचा रहा हैं।


रामकेला साहू के नाम पर-
शासकीय भवन रंग रोपण का भुगतान 30,000/- ,गोठान में पैरा संकलन के चार्ज का भुगतान 15,000/-, मजदूरी भुगतान सीसी रोड़ मरम्मत 16,400/-, नल टप कनेक्शन हेतु प्लम्बर का भुगतान 9,760/-, नाली निर्माण शिव घर के पास मजदूरी भुगतान 16,400/-, नाली सफाई मजदुरी भुगतान 10560/-,
भोजराम साहू के नाम पर-
नाली साफ सफाई में मजदूरी भुगतान 10,560/-
जानकी साहू के नाम पर-
नाली साफ सफाई में मजदूरी भुगतान 10,560/-
रुक्मणी बाई साहू के नाम पर-
नाली साफ सफाई में मजदूरी भुगतान 21,120/- ग्राम पंचायत कुम्हारी सरपंच के परिवार के पास न ही कोई फर्म है और न तो किसी प्रकार का वेंडर है। सरपंच ने खुद को लाभ पहुँचाने के मंसा से नान वेंडर रहते हुए और अपने पूरे परिवार को वेंडर बता कर फर्जी बिल सम्मिट कर उक्त तथ्य को अंजाम दिया है। जो कि 1993 पंचायती राज अधिनियम के धारा 40 को खुली चुनौती दे रहें हैं।
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