सारंगढ़:- सारंगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत हिच्छा के महज 2 माह पहले शिकायत हुआ था जिसमें जांच कर्ता अधिकारी जगन्नाथिया सोनवानी व इंजीनियर बसंत मांझी थे और शिकायत कर्ता को बिना सूचना दिए जांच करने चले गए और जांच भी हो गया लेकिन जांच के दौरान पंचायत से मिल कर अपने पॉकेट भरे और जांच का रुख ही बदल दिया ,आपको बता दें कि जांच में पाया गया है कि एक माँ अपने ही बेटे व देवरानी उतरा साहू से पैसा कर्ज में लेता है और पंचायत का काम कराता है फिर अपने ही स्वार्थ के लिए अपने बेटे व देवरानी के बैंक खाते में पंचायत के पैसा डाला जाता है आपको बता दें ये मामला ग्राम पंचायत हिच्छा का है जिसमे महिला सरपंच ने 14वें,15वें वित्त के राशि को अपने बेटे व देवरानी के नाम से बिल व्हाउचर के माध्यम से आहरण किया था,लेकिन सारे नियमों को ताक में रख कर करारोपण अधिकारी जगन्नाथिया सोनवानी व इंजीनियर बसंत मांझी ने नियमों के विरुद्ध जांच किया है व कोरोना काल का हवाला देकर जांच में झुठलाया गया है कि महिला सरपंच अपने बेटे से कर्ज में पैसा लिया है,अगर कर्ज में पैसा लिया गया था तो और भी बहुत से तरीका था पैसा लौटाने का लेकिन सरपंच अपने निजी फायदे को देखते हुए व सभी नियमों को ताक में रख कर अपने ही बेटे के नाम से पैसा आहरण किया है जो 1993 पंचायती राज अधिनियम के धारा 40 के अंतर्गत आता है।
आपको बता दे कि सभी नियमों व पंचायती राज अधिनियम को अनदेखा कर करारोपण अधिकारी जगन्नाथिया सोनवानी व इंजीनियर बसंत मांझी ने सरपंच के बचाव में झूठा पालन प्रतिवेदन जनपद पंचायत को जमा किया गया है।
जांच कर सरपंच के बचाव में पालन प्रतिवेदन जमा कर , पैसा ऐंठने में माहिर है करारोपण अधिकारी जगन्नाथिया सोनवानी?
आपको बता दें एक ऐसा ही मामला डोमाडीह ब पंचायत में भी हुआ था जिसका जांच कर्ता अधिकारी जगन्नाथिया सोनवानी ही था उसमे भी अपने बेटे से कर्ज लिया गया है कह कर जांच किया गया था।
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